मुझे रुदन का अधिकार चाहिए
रुदन का अधिकार

अधरों पे हँसी का भार लिए
किसी कान्हे का आसार लिए
इन मुस्कराती आँखों को
अब अश्रु की फुहार चाहिए
मुझे रुदन का अधिकार चाहिए
रुदन का अधिकार

इस अभिनय की भी सीमा है
वो दर्द नहीं अब धीमा है
इस रंगमंच के पात्र को अब
विश्रान्ति का आधार चाहिए
मुझे रुदन का अधिकार चाहिए
रुदन का अधिकार

चमक रहा जो चेहरा है
पीछे एक काला पहरा है
इस काले से पहरे को अब
ये चमकीला आहार चाहिए
मुझे रुदन का अधिकार चाहिए
रुदन का अधिकार

सागर के गर्भ से अवशोषित
हो गयी है अब जल से पूरित
उन् श्यामल श्यामल मेघों को
वर्षा का अधिकार चाहिए
वर्षा का अधिकार
मुझे रुदन का अधिकार चाहिए
रुदन का अधिकार